पेरेंट्स की इन बुरी आदतों के कारण बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल होता है डाउन
कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि पैरंट्स को न चाहते हुए भी बच्चों से कठोर शब्दों में बात करनी पड़ती है। ऐसे में कई बार ऐसे गलत शब्द भी मुंह से निकल जाते हैं जिसका बच्चों के कोमल मन पर गहरा असर पड़ता है। अगर आप अपने बच्चों से कठोर शब्दों में बात कर रहे हैं, तो गलती से भी ऐसी बातें न कहें जिससे टूट जाए…
कोई भी बात कितनी बड़ी है या छोटी, यह नजरिए के साथ उम्र पर भी निर्भर करती है। जैसे, आपके लिए बेड से जम्प करके नीचे कूदना, फुटबॉल पर किक करना छोटी बात हो सकती हैं, लेकिन किसी बच्चे के लिए ये बातें बहुत मैटर करती हैं। आपको कभी भी बच्चे की छोटी से छोटी बातों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
हर बच्चा प्यारा होता है। सभी की अलग आदतें होती हैं लेकिन बचपन में एक आदत कॉमन होती है, वे है दूसरे बच्चों को अच्छा बताने पर बच्चे इसे मन पर ले लेते हैं। ऐसे में सम्भावना रहती है कि बच्चे दूसरे बच्चों से चिढ़ने लगते हैं या खुद को कमतर समझने लगते हैं इसलिए बच्चों की तुलना करने से बचें।
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