बिजनौर में 24 वेंटिलेटर बने सफेद हाथी, सवालों के कटघरे में अस्पताल प्रशासन।
बिजनौर में कोविड मरीजों के इलाज केलिए जिला अस्पताल में कोविड वार्ड भी है आक्सीजन भी है वैंटीलेटर भी है
लेकिन उनको चलाने वाला स्टाफ नहीं है. हैरानी होती है ऐसे सिस्टम पर.
सी.एम.ओ.विजय कुमार यादव ने वैटिंलेटर पचास लाख की कीमत से खरीदे, लेकिन ये 24 वेंटिलेटर सफेद हाथी बने रखे है. पिछले साल कोविड से बचाव के लिये वेंटिलेटर खरीदे तो गये लेकिन कभी चले ही नहीं ऐसा नहीं है कि बिजनौर में करोना पेशेंट्स कम हो इस समय तीन हजार कोरोना मरीज है.
सरकारी आकडों के अनुसार पिछत्तर 72 मरीजों की मौत हो चुकी है,जबकि हकीकत मे मौतों की संख्या कहीं ज्यादा है अधिंकाश मरीजों को मुरादाबाद या मेरठ रैफर कर दिया जाता है सवाल यह उठता है जब सारी सुविधाएं उपलब्ध है तो स्टाफ की कमी का रोना क्यों गाया जा रहा है.
अब मरीज या उनके तीमारदार तो वेंटिलेटर चलाने के लिये स्टाफ साथ मे लेकर तो नहीं चलेंगे बिजनौर के जिला अस्पताल में कोविड वार्ड में दस वेटिलेटर लगे हुये है लेकिन कोई नहीं चलाया जाता,वहीं चौदह वेटिलेटर मय बैडो के स्टोर रूम में धूल फाक रहे है बिजनौर के जिला अस्पताल के सी.एम.एस डा.ज्ञान चंद से जब इन वेंटिलेटरो के बारे में जानकारी ली तो साहब ने बताया कि पिछले साल कुल 24 वेटिलेटर खरीदे गये थे,दस वेटिलेटर कोविड वार्ड मे रखे है लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से चलते नहीं है दस वेंटिलेटर आज ही मुरादाबाद सी.एम.ओ को भेजे गये है.चार और स्टोर में रखे है।वेंटिलेटर को चलाने के लिये स्टाफ नहीं है इस लिये किसी प्राईवेट डाक्टर से उनको चलवाने की बात की जायेंगी।
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