लखनऊ : बिहार में चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो बीजेपी के प्रदेश स्टार प्रचारक भी उड़ जाएंगे- सपा प्रमुख अखिलेश यादव
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय, लखनऊ से वीडियों कालिंग द्वारा कई जनपदों के प्रमुख नेताओं से बात की और उनसे पार्टी की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने क्षेत्र में किसानों की हालत और बाहर से आए हुए श्रमिकों के सम्बंध में भी पूछताछ की। कोरोना संक्रमण की क्षेत्र में स्थिति के बारे में भी उन्होंने पूछा।
अखिलेश यादव ने बिजनौर के चांदपुर में श्री लाखन सिंह पाल से जहां जनसमस्याओं के सम्बंध में चर्चा की वहीं सन् 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली। श्री पाल ने बताया कि भाजपा से लोग तंग आ गए हैं। श्रमिकों को रोजगार नहीं मिलने से उनमें काफी असंतोष है।
लाॅकडाउन पीरियड में लोग राशन, दूध और अन्य वस्तुओं के लिए तड़पते रहे। उन्होंने कहा सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार अवश्य बनेगी।
जनपद महोबा में चरखारी से जितेन्द्र यादव से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि जिन आठ तालाबों का दो सौ वर्षों बाद समाजवादी सरकार में जीर्णोद्धार किया गया था वे तालाब पानी से लबालब भरे हैं। इसी तरह बुन्देलखण्ड में 200 तालाबों का जीर्णोद्धार समाजवादी सरकार के समय हुआ था। उन्होंने चरखारी के तालाबों का दृश्य भी दिखाया।
कन्नौज के रसूलाबाद में दिव्यांग श्री धीरू कटियार से भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने बात की और क्षेत्र में पार्टी के प्रति जनता की राय जाननी चाही।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आज बेरोजगारी आत्महत्याओं के रूप में एक भयावह समस्या बन गई है। कोरोना के सच को झुठलाकर चुनाव में व्यस्त हो गई भाजपा बेकारी और भुखमरी को समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी? बिहार में चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो प्रदेश के स्टार प्रचारक भी उड़ जाएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा भाजपा लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश में जुटी है। सौ करोड़ से ज्यादा खर्च एक वर्चुअल रैली पर करके जनता से छल किया जा रहा है। बिहार के बाद बंगाल और अब किसी अन्य राज्य में भी यही कहानी दुहराई जाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के समय अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए विधायक निधि से कम से कम 50 लाख देने की व्यवस्था होनी चाहिए। हृदयरोग, किडनी, लीवर तथा कैंसर के इलाज के लिए समाजवादी सरकार में मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था थी।
इसके साथ विधायक निधि से 25 लाख रूपए की व्यवस्था बीमारी के इलाज के लिए देने की भी की गई थी। भाजपा सरकार ने विधायक निधि से सहायता देने की व्यवस्था बंद कर दी हैं। एक संवेदनहीन सरकार ही ऐसा अमानवीय कार्य कर सकती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जनता को धोखा देने और बहकाने में भाजपा का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। दावा किसानों के बैंक खातों में पैसे भेजने का किया जा रहा है पर वास्तव में 20 लाख करोड़ के महापैकेज से किसानों के खाते में एक रूपया भी नहीं आया है।
उल्टे किसान के जमा खाते से कर्ज अदायगी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कन्नौज में एक प्रवासी मजदूर के परिवार में जब खाने के लाले पड़ने लगे तो महिला ने अपना जेवर बेच दिया। उसको न राशन मिला और नहीं काम।
अखिलेश यादव ने पूछा लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए 3 लाख करोड़ के बंटवारे में उत्तर प्रदेश को कितना मिला? उसका कहां और कब इस्तेमाल होगा? बेरोजगार नौजवानों को कब से काम मिलेगा?
श्री यादव ने कहा कि रोजी-रोटी देने की जगह प्रदेश की भाजपा सरकार हवाई दावों से श्रमिकों का पेट भरना चाहती है और रोजगार के झूठे आंकड़ों से जनता को भ्रमित करना चाहती हे। मजदूर एटलस साइकिल का पहिया थमने के बाद साहिबाबाद में ऑटो गियर बनाने वाली कम्पनी में भी काम बंद हो गया है।
मजदूर बताते हैं कि भाजपा सरकार में सत्ता संरक्षित दबंग मजदूरी के लाइन में जगह दिलाने की एवज में सौ-सौ रूपए की दलाली खा रहे हें। छिन चुका रोजगार तो भाजपाई दे नहीं सकते तो कम से कम बचे खुचे रोजगार को तो दलालों के चंगुल से मुक्त रखे। गरीबों को बेरोजगार होने से बचाने में 20 लाख करोड़ के पैकेज का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है?
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