20 साल की उम्र में युवाओं के बीच तेज़ी से फैल रहा इस जानलेवा बीमारी का खतरा, जरुर देखें

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉक के विभिन्न चरणों ने हमारे डेली रूटीन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। एक तरफ, जहां युवा लोग घर के कामकाज में व्यस्त रहते हैं और छोटा सा ब्रेक मिलने के बाद थोड़ी देर के लिए एक्सरसाइज कर लेते हैं वहीं बुजुर्ग लोगों पर घर के भीतर ही रहने का दबाव महसूस कर रहे हैं। इसी दबाव के कारण वह अपनी दैनिक गतिविधियां करने भी बाहर नहीं जा सकते हैं।

यही हाल रहा तो साल 2045 तक देश में रोगियों की संख्या बढ़कर तकरीबन साढ़े 13 करोड़ हो जाएगी। ये लोगों के लिए खतरे की घंटी है। उन्हें अभी से सावधान हो जाने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगे चलकर स्थिति और भी भयवाह हो जाएगी।

बता दें कि ये रिसर्च सेंटर फॉर काडीयो मेटाबोलिक रिस्क रिडक्शन इन साउथ एशिया के आंकड़ों (2010-2018) पर बेस्ड है। रिसर्च में ये पाया गया है कि शहरों में तेजी से विकास के बीच लोगों की डाइट क्वालिटी और फिजिकल एक्टिविटी में कमी की वजह से इस छिपी हुई बीमारी को बढ़ावा मिल रहा है।

स्टडी में शहरी इलाकों में उम्र, लिंग और बीएमआई के आधार पर डायबिटीज की दर का आकलन किया है। जिसके बाद से ये तमाम जानकारियां निकलकर बाहर आई हैं।

सबसे ज्यादा सर्तक 20 साल के स्त्री और पुरुष को रहने की जरूरत हैं। रिपोर्ट की मानें तो 20 साल के पुरुषों और महिलाओं में इस बीमारी के होने का खतरा क्रमश: 56 और 65 फीसदी बढ़ गया है।

Related Articles

Back to top button