योगी कैबिनेट ने पास किया किराएदारी संबंधी अध्यादेश, जानिये नए नियम
योगी कैबिनेट ने सोमवार को मकान मालिक और किराएदार के बीच होने वाले विवादों को खत्म करने के लिए किराएदारी संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
योगी कैबिनेट ने सोमवार को मकान मालिक और किराएदार के बीच होने वाले विवादों को खत्म करने के लिए किराएदारी संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। यानी अब बिना अनुबंध के किराएदार के नहीं रखे जा सकेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगरीय पिरसर किराएदार विनियमन (दूसरी) अध्यादेश 2021 को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है।
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शहरों में भवनों को किराए पर देने, उनके किराए तथा किराएदारों की बेदखली करने के लिए उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराए पर देने किराए तथा बेदखली का विनियमन) अधिनियम 1972 लागू था। इससे भवन स्वामी और किराएदार के बीच उतपन्न विवादों के निस्तारण में कठिनाई हो रही थी। वर्तमान किराएदारी तथा भविष्य की किराएदारी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने 1972 के इस काननू को खत्म करते हुए उसके स्थान पर एक काननू बनाने का निणर्य लिया है।
राजयपाल ने अध्यादेश को 9 जनवरी 2021 को मंजूरी दी थी। इसके आधार पर नौ जनवरी को ही गजट प्रकाशित कराया गया। आवास विभाग ने 11 फरवरी को अधिसूचित कर इसे 11 जनवरी 2021 से लोगू क दिया। चूंकि विधान मंडल की निधार्रित अवधि को अपरिहार्य परिसिथतियों में अनिशिचकाल के लिए स्थगित हो गई थी, इस कारण इसका विधेयक विधनमंडल में पारित नहीं हो सका।
इसीलिए सरकार एक बार फिर उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियमन (दूसरी)अध्यादेश लेकर आई है। अध्यादेश लागू होने के साथ ही किराएदारी अनुबंध के आधार पर होगी। अध्यादेश में किराएदारी अनुबंध के आधार पर किए जाने का प्रविधान किया गया है। इससे मकान मालिक व किराएदाए दोनों के हितों का संरक्षण होगा। विवाद की सिथति में निपटारे के लिए रेंट अथॅरिटी एंव रेंट ट्रिब्यूनल का प्रवधान किया गया है। रेंट अथॉरिटी – रेंट ट्रिब्यूनल 60 दिन में का निस्तारण करेंगे।’
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