Holika Dahan 2021: होलिका दहन के दिन करें ये 10 उपाय, दूर होंगी धन से जुड़ी सभी समस्याएं!

होली (Holi) का त्योहार रंगों का त्योहार है, जिसे भारत (INDIA) में हर साल फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

होली (Holi) का त्योहार रंगों का त्योहार है, जिसे भारत (INDIA) में हर साल फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रंगों के इस त्योहार की धूम पूरे देश में देखने को मिलती है। हो। रंग, गुलाल, प्यार और भक्ति के इस त्योहार को मनाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है।

होली के त्योहार को लेकर देशभर में धूमधाम

देशभर में होली के त्योहार को लेकर धूमधाम से तैयारियां चल रही हैं। होली (Holi) के पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह भी देखने को मिल रहा है। इस साल आज यानी 28 मार्च 2021 (रविवार) को देशभर में होलिका दहन किया जाएगा।

हालांकि, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस साल कुछ जगहों पर सार्वजनिक रूप से होलिका दहन ना करने का भी निर्णय लिया गया है। इस बार लोग अपने घरों में रहकर ही इस बार होली (Holi) का आनंद लेते नजर आएंगे।

होलिका दहन का पूजन विधि

होलिका दहन में किसी वृक्ष की शाखा को जमीन में गाड़ दिया जाता है, उसे चारों तरफ से लकड़ी, कंडे या उपले से ढककर शुभ मुहूर्त में जलाया जाता है। इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेंहू की नई बालियां जलाई जाती हैं, ताकि सालभर व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो और उसकी सारी परेशानियां अग्नि में भस्म हो जाएं। होलिका दहन की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की भी परंपरा है।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही होलिका दहन वाली जगह पर एक सूखा पेड़ रख दिया जाता है और होलिका दहन के दिन उस पर लकड़ियां, घास, पुआल और गोबर के उपले रखकर अग्नि दी जाती है।

होलिका दहन को कई जगह छोटी होली भी कहते हैं। इस दिन परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से शुभ मुहूर्त में होलिका को अग्नि देनी चाहिए। इसके अगले दिन एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली से जुड़ी पौराणिक कथा

होली से जुड़ी अनेक कथाएं इतिहास-पुराण में पाई जाती हैं। इसमें हिरण्य कश्यप और भक्त प्रह्लाद की कथा सबसे खास और प्रचलित है। कथा के अनुसार, असुर हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त थे, जो कि हिरण्यकश्यप को बिल्कुल पसंद नहीं थी।

हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को भगवान विष्णु की भक्ति से पुत्र प्रह्लाद को विमुख करने का कार्य सौंपा, जिसे अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका भक्तराज प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से उन्हें अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप और भगवान की कृपा के फलस्वरूप होलिका खुद ही आग में जल गई और प्रह्लाद के शरीर को कोई नुकसान नहीं हुआ।

होलिका दहन का मुहूर्त

मार्च 28, 2021 (रविवार) को होलिका दहन
शाम 06 बजकर 37 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक होलिका दहन का मुहूर्त
मुहूर्त की अवधि- 02 घंटे 20 मिनट

चार शुभ मुहूर्त

अमृतसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 5 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक
सर्वार्थसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 6 बजकर 26 से शाम 5 बजकर 36 तक
अमृत काल- 28 मार्च को सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 31 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- 28 मार्च दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक।

विशेष त्योहारों में से एक है होली का त्योहार

होली (Holi) का त्योहार विशेष त्योहारों में से एक है। माना जाता है कि इस त्योहार में हर प्रकार की साधनाएं, तांत्रिक क्रियाएं और छोटे छोटे उपाय भी सार्थक हो जाते हैं।

* ‘ओम् महालक्ष्म्यै नमः’ का कमल गटटे् की माला से जाप करें। यही माला धारण करके होलिका के निकट देसी घी का दीपक जलाकर आर्थिक संपन्नता की प्रार्थना करें, जल्द लाभ होता है।

* यदि कोई बहुत बीमार है या दवा नहीं लग रही तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काले तिल ,एक छोटा टुकड़ा फिटकरी और एक सूखा नारियल लेकर उस पर 7 बार उल्टा घुमा के होलिका में डाल दें।

* यदि कोई आत्मीय आपका कहना नहीं मानता हो तो उसका नाम लेते हुए होलिका दहन की रात को लाल चंदन की माला से ”ओम् कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात!!” मंत्र का जाप करें।

* दुकान,आफिस, फैक्ट्री या मकान में अक्सर होने वाली या अचानक चोरी या नुकसान से बचाव के लिए सूखा नारियल और तांबे का पैसा घर या दुकान में सात बार चारों कोनों में घुमा कर होलिका में डालें।

* धनवृद्धि के लिए होलिका में यह मंत्र ‘ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मये नमः’ 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं।

* यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो देसी घी में भीगे पांच लौंग ,एक बताशा, एक पान का पत्ता होलिका दहन में डाल दें। दूसरे दिन वहां की राख लाकर ताबीज में भर के बच्चे को पहनाएं।

* यदि सरकार या व्यक्ति विशेष से बाधा है तो होलिका में उल्टे चक्र लगाते हुए आक की जड़ के 7 टुकड़े विरोधी का नाम लेते हुए डालें, लाभ मिलेगा।

* यदि व्यापार में लगातार घाटा या आर्थिक हानि हो रही है तो होलिका दहन की शाम दुकान या मकान के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिड़कें,उस पर आटे का बना चार मुखी दीपक  जलाएं और फिर बुझने के बाद उस दीपक को जलती होलिका में डाल आएं।

* अगर धन न टिकता हो तो होली के दिन 5 कौड़ियां लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी में रखें।

* संतान से परेशानी हो या वह कहने में न हो तो होलिका में सूखे प्याज लहसुन और हरा नींबू डालें।

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