वृंदावन: बेसहारा वृद्ध महिलाओं को सहारा दे रहा अनिरुद्धाचार्य महाराज का ‘गौरी गोपाल आश्रम’
कृष्ण की नगरी वृंदावन कृष्ण की लीलाओं के लिए जानी जाती है, यहां भगवान कृष्ण ने तमाम तरह की लीलाएं की हैं।
कृष्ण की नगरी वृंदावन (Vrindavan) कृष्ण की लीलाओं के लिए जानी जाती है, यहां भगवान कृष्ण ने तमाम तरह की लीलाएं की हैं। देश दुनिया से लोग यहां कृष्ण की लीलाओं का मंचन करने के लिए वृंदावन आते हैं। वृंदावन धर्म-कर्म की भूमि है। यहां पर बड़ी तादाद में असहाय और वृद्ध महिलाएं वृंदावन में वास करती हैं।
ऐसी वृद्ध महिलाएं, जिनके अपने उनकी वृद्धावस्था की वजह से उनसे मुंह मोड़ लेते हैं और अंतिम समय में उनको अकेला छोड़ देते हैं। ऐसी ही बेसहारा माताओं को सहारा यहां वृन्दावन (Vrindavan) में दिया जा रहा है। अपनत्व की भावना के साथ यह पुनीत कार्य कृष्ण की नगरी में किया जा रहा है।
प्रख्यात कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के द्वारा एक आश्रम गौरी गोपाल वृंदावन (Vrindavan) की परिक्रमा मार्ग में चलाया जाता है। यहां पर कई वृद्ध और असहाय माताओं का पूर्ण रूप से ख्याल अनिरुद्ध महाराज के द्वारा रखा जाता है। वृद्ध माताओं के भरण पोषण सहित उत्तम स्वास्थ्य की व्यवस्था भी आश्रम में की गई है।
प्रत्येक कमरे में 5 से 8 माताओं के रहने की व्यवस्था यहां की गई है। अभी गौरी गोपाल आश्रम में 200 के करीब असहाय माताओं की निरन्तर सेवा अनिरुद्धाचार्य जी द्वारा की जा रही है। प्रतिदिन महाराज जी स्वयं अपने हाथ से माताओं की सेवा करते है।
जानकारी देते हुए कथा वक्ता महाराज अनिरुद्धाचार्य ने बताया कि संत कॉलोनी वृंदावन (Vrindavan) में बने गौरी गोपाल वृद्धाश्रम की नींव जनवरी में रखी गई और अगस्त- सितंबर से यहां माताएं रहती हैं। लगभग 100 माताएं यहां निरंतर रह रही हैं, जिनकी सेवा यहां सुचारू रूप से होती है, जो कि बेहद खुश हैं। इन माताओं का यहां सभी लोग दर्शन करते हैं। इस आश्रम में सभी माताओं को सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
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