बुलंदशहर: पहली बारिश में 400 करोड़ की सीवर धसी, बीजेपी चेयरमैन ने खड़े किए सरकार पर सवाल

सिस्टम की जड़ों में करप्शन किस हद तक रच बस गया है, इसकी बानगी आज यूपी के बुलंदशहर में देखने को मिली

सिस्टम की जड़ों में करप्शन किस हद तक रच बस गया है, इसकी बानगी आज यूपी के बुलंदशहर में देखने को मिली। पहली बिन मौसम बरसात में 400 करोड़ की लागत से बनी सीवर लाइन कई जगह से धस गई, बुलंदशहर नगर के जीटी रोड पर आज सीवर लाइन का पटाव ट्रक का दबाव भी नहीं झेल पाया और धंस गया। इतना ही नहीं शहर के कई इलाकों में बेमौसम बारिश के बाद सीवर लाइन धंस गई। खासबात यह है कि सीवर लाइन का पटाव कुछ दिन पहले ही जल निगम ने पूरा कराया था। इतनी कम अवधि में सीवर लाइन धंसने की कई घटनाएं होने से निर्माण की गुणवत्ता पर बुलंदशहर नगर के चेयरमैन ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किये हैं।

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यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की है, जहां बेमौसम हुई 1 दिन की बारिश में अटल अमृत योजना के तहत 400 करोड़ की लागत से तैयार की गई सीवर लाइन कई जगह से धराशाई हो गई। सीवर लाइन जमींदोज होने से कहीं ट्रक फंस गया, तो कहीं आवाजाही में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।केंद्र सरकार की इस परियोजना को उत्तर प्रदेश जल निगम के इंजीनियर द्वारा पूरा कराया जा रहा है। हालांकि कुछ हिस्सों में अभी काम बाकी है, मगर 01 सप्ताह के भीतर तैयार की गई शहर के कई इलाकों में जगह-जगह धंसी सीवर लाइन बनाने वाले जल निगम पर स्थानीय लोग गुणवत्तापूर्ण काम पूरा न करने का आरोप लगा रहे हैं।

रविवार को गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट का लेंटर गिरने के बाद बुलंदशहर में पहली ही बारिश में अमृत योजना के तहत तैयार हो रही सीवर लाइन कई जगह से धंस गई, आरोपों में घिरे जल निगम के एक्सईएन पूरे मामले पर जांच कराने की बात कह रहे हैं तो वही बुलंदशहर नगर पालिका के बीजेपी चेयरमैन ने भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 100 शिकायती पत्र दिए, मगर अधिकारी कानों में तेल डाल सोए हैं, और इन जल निगम के अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

अटल अमृत योजना के तहत बनाई जा रही 400 करोड़ की लागत से सीवर पाईप लाइन पहली बारिश में कई जगह से धंसने पर बीजेपी नेता और आम जनता सरकार की इस योजना के तहत हो रहे इस प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार के सवाल खड़े कर रहे हैं, मगर योजना की गुणवत्ता पर अभी तक जांच कर कार्रवाई ना होने से भी यह अमृत योजना सवालों के घेरे में है।

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