26 जनवरी स्पेशल : जानिए कैसी थी लखनऊ में 15 अगस्त 1947 की पहली सुबह

राज्यपाल सरोजनी नायडू लखनऊ मेल से सुबह सात बजे लखनऊ पहुंची। सरोजनी स्टेशन से सीधे राजभवन पहुंचीं। उन्होंने ठीक 8 बजे झंडारोहण किया।

लखनऊ : 15 अगस्त 1947 की पहली सुबह सुहानी थी जब देश को आजादी मिली। सभी ने बिना बंधन नई सुबह का स्वागत किया था, दिल में जोश था और बलिदानियों के सम्मान में मस्तक झुके थे। राज्यपाल सरोजनी नायडू लखनऊ मेल से सुबह सात बजे लखनऊ पहुंची। सरोजनी स्टेशन से सीधे राजभवन पहुंचीं। उन्होंने ठीक 8 बजे झंडारोहण किया। सड़कों पर हुजूम उमड़ आया था। लखनऊ खुशी से झूम उठा। सड़कों पर ढोल-नगाड़े के साथ जश्न का माहौल था। मिठाई की दुकान हो या दूध की दुकान हर तरफ आजादी का जश्न का माहौल था। मिठाई व दूध बांटा जा रहा था।

सभी को जानना था कि अंग्रेज क्या कह गए कांग्रेस से? लोग डर भी रहे थे कि कहीं अंग्रेजों का कोई खेल शुरू न हो जाये?

टीले वाली मस्जिद में अल्लाह से देश को आजादी मिलने का शुक्रिया अदा करने भीड़ जमा थी। कैसरबाग बारादरी में ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन ने झंडा फहराया। राजा विशेश्र्वर दयाल सेठ ने पायनियर हाउस में झंडारोहण किया। रास्ते रोशनी से जगमगा गए। गोमती में महिलाएं और बच्चे स्वतंत्रता की देवी को दीप अर्पित कर रहे थे।

 

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