बागपत: स्वतंत्रता सेनानी शहीद बाबा शाहमल की समाधि स्थल पर मनाई गई 224वीं जयंती

इस दौरान जिलाधिकारी राजकमल यादव और खाप चौधरी सुरेंद्र सिंह भी पहुचे। कार्यक्रम में पहुचे सभी वक्ताओं ने शहीद बाबा शाहमल के जीवन पर प्रकाश डाला।

उत्तर प्रदेश के बागपत में 1857 की क्रांति में अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिलाकर रख देने वाले बिजरौल गांव के स्वतंत्रता सेनानी शहीद बाबा शाहमल (Baba Shahmal) की 224वीं जयंती समाधि स्थल बिजरोल गांव में मनाई गई।

इस दौरान जिलाधिकारी राजकमल यादव और खाप चौधरी सुरेंद्र सिंह भी पहुचे। कार्यक्रम में पहुचे सभी वक्ताओं ने शहीद बाबा शाहमल (Baba Shahmal)के जीवन पर प्रकाश डाला।

आपको बता दे कि बाबा शाहमल (Baba Shahmal) बागपत के बिजरौल गांव के चौधरी थे और 1857 में हुए प्रथम सशत्र स्वतंत्रता संग्राम में बाबा शाहमल ने बागपत क्षेत्र में किसानों की एक सेना तैय्यार की और देश को आज़ाद कराने की मुहिम में जुट गए।

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बाबा शाहमल ने तत्कालीन मेरठ जिले में देशभक्त किसानों की फौज के साथ करीब करीब पूरे बागपत क्षेत्र को अंग्रेज़ी हुकूमत से आज़ाद करा लिया था ।

बाबा शाहमल (Baba Shahmal) ने बड़ौत में अपना पहला दरबार लगाया और सभी किसानों का लगान माफ कर दिया और अपनी 5000 किसानों की फौज के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया था।

भारतीय इतिहास में बाबा शाहमल (Baba Shahmal) को एक ऐसे योद्धा के रूप में जाना जाता है जिन्होंने किसानों की एक ऐसी सेना गठित कर ली थी जो अपने परम्परागत कृषि उपकरणों और परम्परागत हथियारों से फिरंगियों से लोहा लिया था

रिपोर्ट- अजय त्यागी

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