2021 हरितालिका तीज : 14 वर्ष बाद बन रहा अद्भुत रवियोग

ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस अद्भुत योग में व्रत और पूजन से सुहागिन महिलाओं की सभी मुरादें पूरी होगी

क्या (what) है हरितालिका तीज व्रत :
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। ऐसा मानना है कि इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत को सभी व्रतों में अत्यधिक कठिन माना जाता है क्योंकि यह व्रत निर्जला व निराहार रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज व्रत को सुयोग्य वर की प्राप्ति हेतु रखती हैं।

तिथि व मुहूर्त :
तिथि के अनुसार यह 09 सितंबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसीलिए यह व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा। मुहूर्त के अनुसार यह सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक व शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।

कथा :
इस संबंध में एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार पार्वती जी की सखियां उनका अपहरण करके जंगल में ले गई थी। ताकि पार्वती जी के पिता उनका विवाह इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से न कर दें। अपनी सखियों की सलाह से पार्वती जी ने घने वन में एक गुफा में भगवान शिव की अराधना की। भाद्रपद तृतीया शुक्ल के दिन हस्त नक्षत्र में पार्वती जी ने मिट्टी से शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजा की एवं रातभर जागरण किया। पार्वती जी के तप से खुश होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था।

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