लखनऊ: नई नगर पंचायतों के विकास के लिए सरकार ने जारी किए 20 करोड़ रुपये
वर्तमान में प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण के दृष्टिगत मानकों को पूर्ण करने वाले ग्रामीण क्षेत्रों को समेकित कर नई नगर पंचायतों(Nagar Panchayats) का गठन एवं इसी प्रकार नगरीय स्थानीय निकाय के आस-पास के शहरीकृत हुये गांवों को सम्मिलित कर नगर पंचायतों एवं नगर पालिकाओं का सीमा विस्तार करते हुये प्रदेश के आर्थिक उन्नयन एवं जन सामान्य को उत्कृष्ट नागरिक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु नगर विकास विभाग दृढ़ संकल्पित है।
वर्तमान में प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण के दृष्टिगत मानकों को पूर्ण करने वाले ग्रामीण क्षेत्रों को समेकित कर नई नगर पंचायतों(Nagar Panchayats) का गठन एवं इसी प्रकार नगरीय स्थानीय निकाय के आस-पास के शहरीकृत हुये गांवों को सम्मिलित कर नगर पंचायतों एवं नगर पालिकाओं का सीमा विस्तार करते हुये प्रदेश के आर्थिक उन्नयन एवं जन सामान्य को उत्कृष्ट नागरिक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु नगर विकास विभाग दृढ़ संकल्पित है।
नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन के दिशा-निर्देशन में अब तक 56 नयी नगर पंचायतों(Nagar Panchayats) का सृजन किया जा चुका है। इन नव सृजित नगरीय निकायों में जनसामान्य को भूलभूत सुविधाओं यथा स्वच्छ पेयजल, मार्ग प्रकाश, सफाई, सीवर व्यवस्था एवं आधार भूत संरचनाओं को सुनिश्चित कराने हेतु ‘राज्य वित्त आयोग’ से प्राप्त धनराशि में से इन निकायों की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गयी है।
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नगर विकास मंत्री द्वारा इस संबंध में कई समीक्षा बैठक करते हुये शीघ्र नवसृजित नगर पंचायतों(Nagar Panchayats) हेतु विकास के लिये धनराशि निर्गत करने के निर्देश दिये गये।
नगर विकास मंत्री के निर्देशों के कम में कुल 56 नवसृजित नगर पंचायतों हेतु राज्य वित्त आयोग की धनराशि से मासिक किश्त के रूप में लगभग कुल रु0 20.00 करोड़ (बीस करोड़) रूपये निर्गत किये जा रहे है इन नवसृजित पंचायतों में विकास की गति को निरन्तरता प्रदान करने हेतु इसी प्रकार सम्पूर्ण वित्तीय वर्ष में आगे भी इतनी मासिक किश्तें इन नगर पंचायतों को प्रदत्त की जाती रहेंगी।
इन पंचायतों में प्रशासनिक ढांचा बनाते हुये तत्काल पारदर्शी रूप से समयबद्धता के साथ इस धनराशि से विकास का कार्य कराये जाने के निर्देश माननीय नगर विकास मंत्री ने दिये गए हैं। शहरीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति को दृष्टिगत रखते हुये अन्य नगर पंचायतों एवं नगर पालिका परिषदों के गठन एवं सीमा विस्तार की कार्यवाही प्रक्रियाधीन भी है। इससे इन क्षेत्रों के नागरिकों को मूलभूत आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराते हुये उनके जीवन की गुणवत्ता स्तर में सुधार कर उसमें उन्नयन लाया जा सके।
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