लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रों को सिखाई जाएगी मुस्कुराने की कला
छात्रों के तनाव कम करने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी ने इस साल ‘एजुकेशन फॉर हैप्पीनेस’ नाम का नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इसके जरिये विद्यार्थियों को मुश्किल परिस्थिति में मुसकराने की कला सिखाया जायेगा। एजुकेशन डिपार्टमेंट के एमएड के पाठ्यक्रम में इसे जगह दी जा रही है लिवि के प्रोफेसर दुर्गेश कुमार के अनुसार नए सत्र से इस पाठ्यक्रम की शुरुआत हो रही है।
शिक्षा शास्त्र की विभागाध्यक्ष अमिता वाजपेयी ने बताया की “यह इंटर डिपार्टमेंटल कोर्स है। विज्ञान और एमकॉम के छात्र भी इसमें दाखिला ले सकते है। शिक्षा शास्त्र संकाय नए सत्र से एमएड तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर में हैप्पीनेस कोर्स जोड़ेगा। आजकल बच्चे वर्चुअल माध्यम से खुशी का इजहार करते हैं. कहीं कॉफी पीते हुए उसका फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर साझा कर उस पर आने वाले लाइक्स को देखकर वह अपनी खुशी ढूंढते हैं और इसका इजहार करते हैं.”
अमिता ने बताया, “अपनी सच्ची खुशी अंदर ढूंढ़ने से मिलती है. भारतीय दर्शन में खुशी के बारे में बताया गया है। भारत और पश्चिमी देशों में हैप्पीनेस के अलग-अलग मतलब हैं। यह वैकल्पिक कोर्स है। यह एक ऐसा पाठ्यक्रम है, जिसे एमएससी करने वाला बच्चा भी पढ़ा सकता है। इसे फैकल्टी बोर्ड की मुहर के बाद एकेडमिक काउंसिल में भेजा जाएगा। जहां से इसकी सहमति मिलने के बाद यह पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाएगा”
प्रो़फेसर वाजपेयी ने कहा की अगर आगे चलकर इस कोर्स की मांग बढ़ी तो डिग्री और डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।
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