भारतीय किचन में मिलने वाली काली मिर्च और मिश्री आपके स्वस्थ के लिए इस तरह होती हैं लाभदायक
भारतीय किचन में काली मिर्च और मिश्री आसानी से मिल जाती है. काली का इस्तेमाल जहां गले का दर्द और जुकाम ठीक करने के लिए किया जाता है. वहीं मिश्री का इस्तेमाल मंदिर में प्रसान दे रूप में भी किया जाता है.
मिश्री गन्ने या खजूर के रस के बनाई जाती है. काली मिर्च के अंदर विटामिन सी बीटा कैरोटीन विटामिन ए एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण एंटीऑक्सीडेंट विटामिन बी सेलेनियम आदि मौजूद होते हैं. वहीं मिश्री के अंदर भी विटामिन b12 फाइबर एंटी ऑक्सीडेंट गुण एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं.
पाचन क्रिया के लिए अच्छा- आम तौर से लोग सौंफ का इस्तेमाल मिस्री के साथ पाचन को अच्छा रखने के लिए करते हैं, लेकिन अगर आपको गैस, कब्ज, अपच की समस्या, ब्लोटिंग या पेट फूलने की शिकायत है, तब आप काली मिर्च के साथ मिस्री को खा सकते हैं.
गले की समस्या दूर करता है- अगर आप काली मिर्च पाउडर के साथ चंद कतरा घी और मिस्री को मिलाते हैं और उसे खाते हैं, तो आपको अपने गले में राहत मिलेगी. ये मिश्रण खांसी में भी झटपट राहत उपलब्ध कराता है. दूसरी तरह काली मिर्च आसानी से गले में जमे बलगम को हटाने का काम करता है.
दिमाग के लिए मुफीद- अगर कोई शख्स अपनी कमजोर याद्दाश्त से परेशान है या मानसिक तनाव महसूस करता है, तो उसे काली मिर्च के साथ मिस्री लेना चाहिए. उसके इस्तेमाल से, दिमागी थकान दूर होगी और याद्दाश्त भी अच्छी होगी.
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