क्यों भारतीय संविधान के विरुद्ध है CAA ? AAP सांसद संजय सिंह ने बताई वजह

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह मुंबई प्रेस क्लब में एक संवादाता सम्मेलन में पहुंचे। वहां नागरिकता संशोधन कानून के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। संजय सिंह ने कहा कि जो लोग ये पूछते हैं कि नागिरकता संशोधन कानून से नुकसान क्या है उनको ये जानने की जरूरत है कि ये कानून लाया किन परिस्थितियों में गया है।

संजय सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान के विरूद्ध है। सीएए लाया क्यों गया? सीएए का कानून लाया किन परिस्थियों में गया? असम में एनआरसी लागू किया गया। पहली बार जब एनआरसी लागू की गई उसमें 40 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया। जिसमें देश के राष्ट्रपति रह चुके फखरूद्दीन अली अहमद साहब को भी बाहर कर दिया गया। इसमें एक परिवार के एक सदस्य का नाम है तो दूसरे का नहीं है। इस पर जब हल्ला हुआ तो फिर से एनआरसी कराई गई।

उस एनआरसी में 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए। 19 लाख लोगों में लगभग 14 लाख हिंदू निकल गए। सिंह ने कहा कि अब तक का जो आंकड़ा सामने आया है उसके अनुसार ये बात सामने आई है, मेरे पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इसमें 5 लाख मुस्लिम बाहर हो गए। सिंह ने कहा कि जब फिर से इतने लोग बाहर हो गए तो ये दाव उल्टा पड़ गया।

इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून लाया गया। वहीं संजय सिंह ने ये भी सवाल उठाया कि असम में दूसरे राज्यों से जाकर बसे लोग जो एनआरसी में बार हो गए हैं सरकार उन्हें कैसे नागरिकता देगी। उन्होंने कहा कि ये प्रश्न मैं सदन में भी उठा चुका हूं। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 धर्मों के लोगों को तो सीएए से नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन अपने ही देश के लोग जो दूसरे राज्यों से असम में जाकर बसे हैं और वो अपनी नागरिकता कैसे साबित करेंगे। वो अपने ही देश में विदेशी साबित हो जाएंगे।

बता दें कि असम से लेकर पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है। वहीं दिल्ली के शाहीन बाग में 70 दिनों से इस कानून के खिलाफ लोग धरने पर बैठे हैं। जिसके कारण शाहीन बाग और कालिंदी कुंज रोड बंद है और आने जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुलझाने के लिए तीन वार्ताकार नियुक्त किए हैं। जो लगातार तीन दिन से प्रदर्शनकारियों को समझाने जा रहे हैं लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकल सका है।

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